भारत का पूर्वोत्तर भाग अपने प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और भौगोलिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। इसी क्षेत्र में बसा है एक अत्यंत सुंदर और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य — अरुणाचल प्रदेश। यह राज्य हिमालय की तलहटी में स्थित है और अपने घने जंगलों, ऊँचे पहाड़ों, बहती नदियों और विविध जलवायु के लिए जाना जाता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे अरुणाचल प्रदेश के भौगोलिक पहलुओं के बारे में।
ब्रिटिश शासन काल में अरुणाचल प्रदेश को “नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA)” के नाम से जाना जाता था। 1972 में इसे केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा मिला और अंततः 20 फरवरी 1987 को यह भारत का पूर्ण राज्य बन गया।
अरुणाचल प्रदेश की स्थिति भारत के अत्यंत पूर्वी छोर पर है। यह राज्य 26°28′ उत्तरी अक्षांश से 29°30′ उत्तरी अक्षांश और 91°30′ पूर्वी देशांतर से 96°30′ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 83,743 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा राज्य बनाता है।
अरुणाचल प्रदेश की सीमाएं कई देशों और भारतीय राज्यों से जुड़ी हुई हैं:
यह सीमा स्थिति इसे भारत की रणनीतिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करती है।
अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक रचना अत्यंत विविध है। इसे कुल छह प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों में बाँटा गया है:
यहाँ की ज़मीन ज्यादातर पहाड़ी और पर्वतीय है, जहाँ गहरी घाटियाँ और तीव्र ढलानों वाली भूमि पाई जाती है।
राज्य की पर्वतीय संरचना के कारण यहाँ कई नदियाँ बहती हैं, जो प्रदेश को जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत भी हैं। प्रमुख नदियाँ:
इन नदियों के कारण राज्य में कई सुंदर घाटियाँ और जैवविविधता संपन्न क्षेत्र बने हैं।
अरुणाचल प्रदेश की जलवायु इसकी ऊँचाई के अनुसार बदलती रहती है:
यह राज्य मेघालय के बाद सबसे अधिक वर्षा पाने वाला राज्य है।
राज्य में 15 जिले हैं:
इन जिलों का प्रशासनिक ढांचा राज्य की भौगोलिक विविधता को समुचित रूप से प्रबंधित करने में सहायक है।
अरुणाचल प्रदेश का लगभग 80% क्षेत्र वनाच्छादित है। यह राज्य हिमालयी क्षेत्र में जैव विविधता की दृष्टि से सबसे समृद्ध है।
राज्य में लगभग 5000 पौधों की प्रजातियाँ, 85 स्तनपायी, 500 पक्षी, तथा कई कीट और सरीसृपों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
अरुणाचल प्रदेश में लगभग 26 प्रमुख जनजातियाँ और अनेक उपजनजातियाँ निवास करती हैं। इनका जीवन वन आधारित संसाधनों पर निर्भर है। बांस, लकड़ी, औषधीय पौधे आदि इनकी आजीविका के साधन हैं।
इन जनजातियों की भाषा, संस्कृति, वेशभूषा और रीति-रिवाज़ इसे सांस्कृतिक रूप से अत्यंत समृद्ध बनाते हैं।
अरुणाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य और शांति का प्रतीक है। यहाँ कई दर्शनीय स्थल हैं:
बर्फबारी, घने जंगल, नदी घाटियाँ और जनजातीय उत्सव पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
अरुणाचल प्रदेश न केवल भारत के भूगोल का एक अनमोल हिस्सा है, बल्कि यह प्राकृतिक संसाधनों, जैवविविधता और सांस्कृतिक धरोहर से भी भरपूर है। यहाँ की पर्वतीय संरचना, जलवायु विविधता और समृद्ध वन्य जीवन इसे अनूठा बनाते हैं। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण इसका रणनीतिक महत्व भी अत्यधिक है।
भारत के इस पूर्वी कोने में बसे इस राज्य को समझना, जानना और संरक्षित करना न केवल भौगोलिक दृष्टि से आवश्यक है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विविधता का भी एक अद्भुत उदाहरण है।
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