देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में ‘भिंडी बाजार’ नाम का एक प्रसिद्ध बाजार है। यह एक ऐतिहासिक बाजार है जिसका इतिहास ब्रिटिश काल से जुड़ा हुआ है।
– भिंडी बाजार का असली नाम ‘बिहाइंड द बाजार’ था। ब्रिटिशकालीन बॉम्बे में इस स्थान को ‘बिहाइंड द बाजार’ कहा जाता था।
– यहाँ ‘भिंडी’ नाम का कोई लेना-देना भिंडी सब्जी से नहीं है। ब्रिटिश शासन काल में यह जगह श्रमिक बस्ती के रूप में विकसित हुई थी।
– ब्रिटिशकालीन बंबई में भिंडी बाजार क्षेत्र को विकास कार्यों में लगे श्रमिकों के लिए आवास के रूप में तैयार किया गया था।
– यहाँ कई छोटे-छोटे झोपड़ियों और मकानों का निर्माण हुआ जहाँ श्रमिक रहते थे। इसलिए इसे ‘श्रमिक बस्ती’ के नाम से भी जाना जाता था।
– बाद में इन इमारतों को निजी मालिकों को बेच दिया गया जिन्होंने इन्हें किराये पर देना शुरू कर दिया।
– स्थानीय लोगों की बोलचाल की भाषा में ‘बिहाइंड द बाजार’ का नाम बदलकर ‘भिंडी बाजार’ हो गया।
– मशहूर संगीतकार मोहम्मद रफी ने भी 1940 के दशक में भिंडी बाजार में रहकर अपना संगीत कैरियर शुरू किया था।
आज भिंडी बाजार मुंबई के प्रमुख बाजारों में से एक है और अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
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