चीन पर लगाए गए शुल्क और आयरलैंड दौरे का प्रभाव: एक विस्तृत विश्लेषण

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परिचय

आर्थिक विकास और वैश्विक व्यापार में कई नीतियां एवं निर्णय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चीन पर लगाए गए आयात-निर्यात शुल्क और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आयरलैंड दौरा दोनों ही घटनाएं वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव डालती हैं। यह लेख चीन पर शुल्क लगाने के पीछे के कारणों, उनके असर, और पीएम मोदी के आयरलैंड दौरे के परिणामों का विस्तार से विश्लेषण करेगा।


भाग 1: चीन पर आयात-निर्यात शुल्क

शुल्क क्या है?

शुल्क (Tariff) एक प्रकार का सीमा कर है, जो सरकार द्वारा आयातित या निर्यातित वस्तुओं पर लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू उत्पादकों की रक्षा करना और सरकारी राजस्व को बढ़ाना होता है।

  • आयात शुल्क: विदेशी उत्पादों पर लगाया गया कर।
  • निर्यात शुल्क: देश से बाहर भेजी जाने वाली वस्तुओं पर लगाया गया कर।

चीन पर शुल्क क्यों लगाया गया?

चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध (Trade War) 2018 में शुरू हुआ, जिसमें बौद्धिक संपदा की चोरी और अमेरिकी कंपनियों पर दबाव डालने के आरोप थे।

  • अमेरिका ने चीन पर $300 बिलियन से अधिक मूल्य के वस्तुओं पर कर लगाया।
  • इसका उद्देश्य अमेरिकी बाजार को सुरक्षित करना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना था।
  • चीन ने जवाब में अमेरिकी उत्पादों पर भी शुल्क लगा दिए।

चीन की 2022 की शुल्क नीति

2022 में चीन ने आयात और निर्यात कर में कई बदलाव किए। इन परिवर्तनों का उद्देश्य:

  1. आर्थिक विकास में सहूलियत।
  2. औद्योगिक विकास में सुधार।
  3. उच्च गुणवत्ता वाले विकास की दिशा में कदम।

2022 के शुल्क परिवर्तन:

  1. 954 वस्तुओं पर आयात कर कटौती:
    • चीन ने कई वस्तुओं पर अंतरिम आयात कर को घटाया, जिसमें एंटी-कैंसर दवाएं, चिकित्सा उत्पाद और उच्च गुणवत्ता वाले जलीय उत्पाद शामिल थे।
  2. औद्योगिक उन्नयन के लिए कर वृद्धि:
    • फॉस्फोरस और कॉपर जैसे औद्योगिक तत्वों पर कर बढ़ाया गया।
  3. शून्य कर:
    • प्राचीन कलाकृतियों और 100 वर्ष से अधिक पुराने चित्रों पर 0% आयात शुल्क लगाया गया।
  4. उत्पादन सुधार:
    • कच्चे माल जैसे कोको बीन्स और वनस्पति तेल पर आयात कर कम किए गए।

चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध का प्रभाव

  • अमेरिका का दावा: चीन बौद्धिक संपदा चोरी कर रहा है।
  • ट्रम्प प्रशासन: कर लगाने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
  • बाइडन सरकार: कुछ वस्तुओं को शुल्क से छूट दी।
  • कोविड-19 के बावजूद: चीन ने अमेरिका को रिकॉर्ड मात्रा में वस्तुओं का निर्यात किया।

भाग 2: प्रधानमंत्री मोदी का आयरलैंड दौरा

आयरलैंड दौरे की पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर, 2015 को आयरलैंड का दौरा किया। यह 1956 के बाद पहला अवसर था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने आयरलैंड का दौरा किया।

प्रमुख उद्देश्य:

  1. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना।
  2. व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना।

आर्थिक और व्यापारिक प्रभाव

द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि

  • 2014 में आयरलैंड और भारत के बीच व्यापार €650 मिलियन था।
  • 2019 में यह बढ़कर €1.2 बिलियन हो गया।
  • आज यह व्यापार €4.2 बिलियन के आंकड़े को पार कर चुका है।

भारतीय कंपनियों की मौजूदगी

आयरलैंड में कई भारतीय कंपनियां व्यापार कर रही हैं:

  1. फार्मास्यूटिकल्स:
    • रिलायंस जेनमेडिक्स, अमनील फार्मास्युटिकल्स।
  2. आईटी उद्योग:
    • विप्रो, इंफोसिस, टीसीएस और एचसीएल

आयरिश कंपनियों की भारत में भूमिका

आयरलैंड की कंपनियां भी भारतीय बाजार में सक्रिय हैं:

  • आईटी और फार्मा कंपनियां: ICON, Glanbia।
  • अन्य उद्योग: CRH, Taxback Group।

शिक्षा पर प्रभाव

आयरलैंड भारतीय छात्रों के लिए एक लोकप्रिय शिक्षा गंतव्य बन गया है।

  • 5000+ भारतीय छात्र आयरलैंड के कॉलेजों में अध्ययन कर रहे हैं।
  • प्रमुख क्षेत्रों में: इंजीनियरिंग, प्रबंधन, मेडिकल
  • आयरलैंड के ट्रिनिटी कॉलेज और भारत के थापर यूनिवर्सिटी के बीच कई समझौते हुए हैं।

भारतीय समुदाय का योगदान

  • आयरलैंड में लगभग 45,000 भारतीय नागरिक रहते हैं।
  • भारतीय प्रवासी स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग और प्रबंधन के क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
  • नीतिगत बदलाव:
    • हिजाब को पुलिस वर्दी का हिस्सा बनाने की अनुमति।
    • पति/पत्नी के लिए अलग वर्क परमिट की जरूरत नहीं।

सांस्कृतिक प्रभाव

आयरलैंड और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंध बहुत मजबूत हैं:

  1. दिवाली उत्सव:
    • 2008 से दिवाली का आयोजन।
  2. योग दिवस:
    • आयरलैंड में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
  3. भारतीय फिल्म महोत्सव:
    • आधुनिक भारतीय सिनेमा को बढ़ावा।

आयरिश लोग भारतीय मसालों और जड़ी-बूटियों में भी रुचि दिखाते हैं, जिससे कृषि आदान-प्रदान होता है।


पर्यटन को बढ़ावा

  • हर साल 44,000 आयरिश पर्यटक भारत आते हैं।
  • भारत के पर्यटक भी आयरलैंड का दौरा करते हैं।
  • ब्रिटिश-आयरिश वीजा योजना:
    • एक ही वीजा से यू.के. और आयरलैंड दोनों जगह यात्रा संभव है।
  • ई-टूरिस्ट वीजा:
    • आयरलैंड के नागरिकों के लिए भारत में डिजिटल वीजा सुविधा।

निष्कर्ष

चीन पर लगाए गए शुल्क और पीएम मोदी के आयरलैंड दौरे का वैश्विक व्यापार और द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा असर पड़ा है।

  • चीन: 2022 में लागू शुल्क नीतियों ने औद्योगिक और आर्थिक विकास को संतुलित करने में मदद की।
  • आयरलैंड: पीएम मोदी के दौरे ने व्यापार, शिक्षा, सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्रों में संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

भारत और आयरलैंड के बीच मजबूत इतिहास, संस्कृति और व्यापारिक आदान-प्रदान से यह साबित होता है कि दोनों देश आने वाले समय में और बेहतर संबंध स्थापित करेंगे।


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  1. 1
    Karenrooma

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