परिचय
दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से स्थापित संगठन ASEAN (Association of Southeast Asian Nations) आज वैश्विक स्तर पर एक मजबूत क्षेत्रीय संगठन के रूप में उभरा है। वहीं भारत, एक तेजी से उभरती हुई शक्ति के रूप में ASEAN के साथ अपने रिश्तों को आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से सशक्त कर रहा है। भारत और ASEAN की यह साझेदारी केवल व्यापार या कूटनीति तक सीमित नहीं, बल्कि यह क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास की साझी सोच पर आधारित है।
ASEAN की स्थापना 8 अगस्त 1967 को बैंकॉक (थाईलैंड) में की गई थी। इसके पांच संस्थापक सदस्य थे – इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड। आज इसमें 10 सदस्य देश शामिल हैं:
इस संगठन का उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशिया में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, आर्थिक प्रगति को तेज करना, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास सुनिश्चित करना, और बाहरी हस्तक्षेप से मुक्त एक शांतिपूर्ण, स्थिर क्षेत्र की स्थापना करना है।
भारत और ASEAN के संबंधों की नींव 1992 में रखी गई जब भारत को “सेक्टरल डायलॉग पार्टनर” का दर्जा मिला। इसके बाद:
भारत ने 1991 में “Look East Policy” की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य ASEAN और अन्य एशियाई देशों के साथ आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को प्रोत्साहित करना था। 2014 में यह नीति “Act East Policy” में परिवर्तित हुई जो अब केवल संपर्क बनाने पर नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाकर संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित है।
भारत और ASEAN के बीच व्यापार और निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
यह साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल कनेक्टिविटी, स्टार्टअप, और नवाचार जैसे क्षेत्रों में भी निवेश को बढ़ावा देती है।
भारत और ASEAN की सांस्कृतिक विरासत अनेक पहलुओं में एक जैसी है – बौद्ध धर्म, हिंदू संस्कृति, कला, स्थापत्य, और खान-पान जैसी अनेक बातें इन देशों को जोड़ती हैं।
भारत ने ASEAN देशों के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्ते मज़बूत करने के लिए कई पहल की हैं:
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से आपसी समझ और सद्भावना को बल मिला है।
भारत और ASEAN क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। दोनों पक्ष कई बहुपक्षीय मंचों पर मिलकर काम कर रहे हैं:
भारत दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता, समुद्री सुरक्षा, और आतंकवाद जैसे विषयों पर ASEAN के साथ मिलकर काम करता है।
भारत और ASEAN ने अनेक परियोजनाओं में सहयोग किया है:
भारत और ASEAN की साझेदारी की दिशा कई नए आयामों में आगे बढ़ रही है:
भारत और ASEAN की साझेदारी केवल व्यापार या कूटनीति तक सीमित नहीं है, यह एक जन-जन की साझेदारी है। सांस्कृतिक समानता, रणनीतिक सोच और आपसी विश्वास पर आधारित यह रिश्ता आने वाले दशकों में एशिया की स्थिरता और समृद्धि के लिए आधार बनेगा।
ASEAN भारत के लिए केवल एक पड़ोसी नहीं, बल्कि सहयोगी, सहभागी और साझेदार भी है। इस साझेदारी का भविष्य उज्ज्वल है, बशर्ते हम मिलकर निरंतर संवाद, समावेशी विकास और स्थिरता की ओर बढ़ते रहें।
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