क्रय शक्ति समता (PPP): एक व्यापक मार्गदर्शिका

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परिचय

क्रय शक्ति समता (Purchasing Power Parity – PPP) एक महत्वपूर्ण आर्थिक सिद्धांत है जिसका उपयोग देशों के बीच जीवन स्तर और उत्पादकता की तुलना के लिए किया जाता है। यह सिद्धांत विभिन्न देशों की मुद्राओं के क्रय मूल्य की तुलना करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों का उपयोग करता है। PPP यह सुनिश्चित करता है कि समान प्रकार की वस्तुएँ और सेवाएँ विभिन्न देशों में एक समान मूल्य पर उपलब्ध हों।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि क्रय शक्ति समता क्या है, इसका सूत्र, GDP से इसका संबंध, मुद्रा विनिमय दर में इसकी भूमिका, और अर्थव्यवस्था में इसके महत्व को समझेंगे।


क्रय शक्ति समता (PPP) क्या है?

क्रय शक्ति समता एक ऐसा आर्थिक सिद्धांत है जो विभिन्न देशों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों की तुलना करता है। यह सिद्धांत “एक कीमत का नियम” (Law of One Price) पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि एक समान वस्तु का मूल्य किसी भी देश में समान होना चाहिए।

उदाहरण के लिए, यदि भारत में एक जोड़ी जूते की कीमत ₹5000 है, तो वही जूते अमेरिका में $65.88 में उपलब्ध होने चाहिए।

PPP का मुख्य उद्देश्य देशों के बीच जीवन स्तर और मुद्राओं के वास्तविक मूल्य की तुलना करना है।


क्रय शक्ति समता का सूत्र

क्रय शक्ति समता का निर्धारण निम्नलिखित सूत्र के माध्यम से किया जाता है:S=P1P2S = \frac{P1}{P2}S=P2P1​

जहाँ:

  • S: मुद्रा विनिमय दर है।
  • P1: देश 1 में वस्तु की कीमत।
  • P2: देश 2 में उसी वस्तु की कीमत।

यह सूत्र स्पष्ट करता है कि मुद्रा विनिमय दर और वस्तुओं की कीमतों का आपसी संबंध कैसा होता है।


क्रय शक्ति समता और विनिमय दर (Exchange Rate)

विनिमय दर किसी देश की मुद्रा को दूसरे देश की मुद्रा में बदलने की दर है। यह विनिमय दर बाजार की माँग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होती है।

उदाहरण:
एक अमेरिकी नागरिक भारत आता है और ₹150 में 15 पेस्ट्री खरीदता है। अमेरिका में वही पेस्ट्री $4 प्रति पीस मिलती है।

  • अमेरिका में 15 पेस्ट्री का मूल्य: 15×4=$6015 \times 4 = \$6015×4=$60
  • यदि विनिमय दर $1 = ₹60 है, तो ₹150 में केवल 150/60=2.5150/60 = 2.5150/60=2.5 पेस्ट्री ही मिलेंगी।

इससे पता चलता है कि भारत में पेस्ट्री सस्ती हैं। यदि PPP का सिद्धांत लगाया जाए, तो विनिमय दर $1 = ₹10 होनी चाहिए।

विकासशील देशों में PPP का महत्व

विकासशील देशों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें अक्सर कम होती हैं क्योंकि उत्पादन लागत, विशेषकर श्रम लागत, कम होती है। इसलिए, गैर-व्यापारिक वस्तुएँ (Non-traded Goods) सस्ती होती हैं।

जब कोई देश विकसित होता है, तो व्यापारिक वस्तुओं का उत्पादन और निर्यात बढ़ता है, जिससे विनिमय दर और PPP के बीच का अंतर कम हो जाता है।


क्रय शक्ति समता और सकल घरेलू उत्पाद (GDP)

सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product – GDP) किसी देश की अर्थव्यवस्था में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य होता है। GDP की गणना दो प्रकार से होती है:

  1. नाममात्र GDP (Nominal GDP): वर्तमान मूल्य पर वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य।
  2. वास्तविक GDP (Real GDP): मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए मूल्य की गणना।

PPP के साथ GDP की तुलना

जब GDP को PPP के अनुसार समायोजित किया जाता है, तो यह देशों के बीच जीवन स्तर की सटीक तुलना करने में मदद करता है।

उदाहरण:
अमेरिका में एक स्कर्ट की कीमत $10 है, जबकि जर्मनी में वही स्कर्ट £8 में मिलती है। यदि विनिमय दर $1 = £1.5 है, तो PPP विनिमय दर होगी:PPP=1510=1.5PPP = \frac{15}{10} = 1.5PPP=1015​=1.5

इसका अर्थ यह है कि अमेरिका की तुलना में जर्मनी में स्कर्ट महंगी है।


क्रय शक्ति समता के उपयोग

क्रय शक्ति समता के कई उपयोग हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसे एक महत्वपूर्ण मापदंड बनाते हैं।

  1. जीवन स्तर की तुलना:
    PPP का उपयोग देशों के बीच जीवन स्तर की तुलना करने के लिए किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि किसी देश में वस्तुएँ और सेवाएँ कितनी सस्ती या महंगी हैं।
  2. विनिमय दर का पूर्वानुमान:
    PPP यह बताता है कि किसी देश की मुद्रा की विनिमय दर समय के साथ कैसे बदल सकती है।
  3. वैश्विक गरीबी रेखा का निर्धारण:
    PPP का उपयोग विश्व बैंक और अन्य संगठनों द्वारा वैश्विक गरीबी रेखा की गणना के लिए किया जाता है।
  4. आर्थिक उत्पादकता का मूल्यांकन:
    PPP के माध्यम से देशों की अर्थव्यवस्था की वास्तविक उत्पादकता का आकलन किया जा सकता है।
  5. विकासशील देशों का मूल्यांकन:
    विकासशील देशों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें कम होती हैं, जिससे PPP के माध्यम से उनकी GDP का सही आकलन किया जा सकता है।

PPP बनाम बाजार विनिमय दर

PPP और बाजार विनिमय दर में मुख्य अंतर यह है कि:

  • बाजार विनिमय दर माँग और आपूर्ति के आधार पर बदलती रहती है।
  • PPP विनिमय दर वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों की तुलना पर आधारित होती है।

उदाहरण:
भारत में एक बर्गर की कीमत ₹150 है और अमेरिका में वही बर्गर $3 का है। यदि बाजार विनिमय दर $1 = ₹75 है, तो PPP विनिमय दर होगी:PPP=1503=50PPP = \frac{150}{3} = 50PPP=3150​=50

इससे स्पष्ट होता है कि बाजार विनिमय दर और PPP में अंतर हो सकता है।


क्रय शक्ति समता का महत्व

क्रय शक्ति समता का वैश्विक अर्थव्यवस्था में अत्यंत महत्व है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि:

  • देशों के बीच जीवन स्तर की सटीक तुलना की जा सके।
  • मुद्रास्फीति और विनिमय दर के प्रभाव को दूर किया जा सके।
  • विकासशील और विकसित देशों के बीच आर्थिक असमानता को समझा जा सके।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में PPP की भूमिका

PPP का उपयोग विश्व बैंक, IMF और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा देशों की अर्थव्यवस्था के मूल्यांकन के लिए किया जाता है।


निष्कर्ष

क्रय शक्ति समता (PPP) एक ऐसा सिद्धांत है जो देशों की मुद्राओं के वास्तविक मूल्य और जीवन स्तर की तुलना करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक मापदंड है जो मुद्रास्फीति, विनिमय दर, और उत्पादन लागत के अंतर को दूर करने में मदद करता है।

PPP का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि समान वस्तुएँ और सेवाएँ दुनिया के किसी भी हिस्से में एक समान मूल्य पर उपलब्ध हों।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसका उपयोग जीवन स्तर की तुलना, वैश्विक गरीबी रेखा के निर्धारण, और विनिमय दर के पूर्वानुमान के लिए किया जाता है।

इसलिए, PPP एक आवश्यक उपकरण है जो देशों के आर्थिक प्रदर्शन और उत्पादकता का सटीक आकलन करने में मदद करता है।

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