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मणिपुर — प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहरों का अद्भुत संगम

​मणिपुर, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक विविधताओं से भरपूर राज्य है। यह राज्य अपनी समृद्ध परंपराओं, अनोखी सांस्कृतिक धरोहर और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम मणिपुर के इतिहास, भूगोल, भाषा, जनसंख्या, धर्म, अर्थव्यवस्था, पर्यटन और अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।​

मणिपुर का परिचय

मणिपुर, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक राज्य है, जिसकी राजधानी इम्फाल है। यह राज्य उत्तर में नागालैंड, दक्षिण में मिजोरम, पश्चिम में असम और पूर्व में म्यांमार के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है। राज्य का कुल क्षेत्रफल लगभग 22,327 वर्ग किलोमीटर है। मणिपुर का अधिकांश भाग पहाड़ी क्षेत्र है, जबकि इम्फाल घाटी राज्य का प्रमुख मैदानी क्षेत्र है।​Entri

नाम की उत्पत्ति

‘मणिपुर’ नाम संस्कृत के दो शब्दों ‘मणि’ (रत्न) और ‘पुर’ (नगर) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है ‘रत्नों का नगर’। इतिहास में मणिपुर को ‘कंगलैपाक’ या ‘मीतेईलैपाक’ के नाम से भी जाना जाता था। 18वीं शताब्दी में राजा पम्हैबा ने इसे ‘मणिपुर’ नाम दिया।​

राजधानी इम्फाल

इम्फाल, मणिपुर की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह शहर इम्फाल घाटी में स्थित है और दो जिलों – इम्फाल पूर्व और इम्फाल पश्चिम में विभाजित है। इम्फाल का मौसम आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय है, जिसमें गर्म ग्रीष्मकाल और ठंडी सर्दियाँ होती हैं। शहर में कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल हैं, जैसे कंगला किला, जो मणिपुर के पूर्व शाही राज्य का प्रतीक है।​

भाषा और जनसंख्या

मणिपुर की आधिकारिक भाषा मीतैई (जिसे मणिपुरी भी कहा जाता है) है, जो मीतैई समुदाय द्वारा बोली जाती है। इसके अलावा, अंग्रेजी भी प्रशासनिक कार्यों में प्रयुक्त होती है। राज्य में कुकी-चिन भाषाएं, नागा भाषाएं और अन्य स्थानीय बोलियाँ भी बोली जाती हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, मणिपुर की जनसंख्या लगभग 28.5 लाख थी, जिसमें से लगभग 67% लोग इम्फाल घाटी में और शेष पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करते हैं।​

धर्म

मणिपुर में धार्मिक विविधता देखने को मिलती है। यहाँ हिंदू, ईसाई, मुस्लिम, बौद्ध और पारंपरिक संप्रदायों के अनुयायी रहते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की लगभग 41% जनसंख्या हिंदू, 41% ईसाई, 8% मुस्लिम और शेष अन्य धर्मों के अनुयायी हैं। मीतैई समुदाय में सनामाही धर्म प्रचलित है, जो सूर्य देवता की पूजा पर आधारित है।​

अर्थव्यवस्था

मणिपुर की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। राज्य की लगभग 76% जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है। मुख्य फसलें चावल, दालें, गेहूं, हल्दी, तिलहन, फल (जैसे पपीता, संतरा, केला) और सब्जियाँ (जैसे टमाटर, कद्दू, फूलगोभी) हैं। इसके अलावा, हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग भी राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मणिपुर में लगभग 3.5 लाख हथकरघा कारीगर और 2 लाख हस्तशिल्प कारीगर कार्यरत हैं।​

पर्यटन

मणिपुर प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हैं:​

  • लोकटक झील: पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील, जो अपने तैरते द्वीपों (फुमदी) के लिए प्रसिद्ध है।​
  • केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान: दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान, जो संगाई हिरण का प्राकृतिक आवास है।​
  • इमा कैथल बाजार: एशिया का सबसे बड़ा महिलाओं द्वारा संचालित बाजार, जहाँ केवल महिलाएं व्यापार करती हैं।​
  • कंगला किला: मणिपुर के पूर्व शाही राज्य का प्रतीक, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।​
  • संगाई महोत्सव: हर साल नवंबर में आयोजित होने वाला यह महोत्सव मणिपुर की सांस्कृतिक विविधता, हस्तशिल्प, व्यंजन और पारंपरिक नृत्य-गीतों का प्रदर्शन करता है।​

शिक्षा और परिवहन

मणिपुर में शिक्षा का माध्यम मुख्यतः अंग्रेजी है। राज्य में कई सरकारी और निजी शिक्षण संस्थान हैं। परिवहन के लिए इम्फाल में बीर टिकेंद्रजीत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। रेलवे नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, और इम्फाल रेलवे स्टेशन निर्माणाधीन है। राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से सड़क परिवहन भी सुगम है।

निष्कर्ष

मणिपुर एक ऐसा राज्य है जो प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। यहां की हरी-भरी घाटियाँ, ताजगी से भरी झीलें, रंगीन त्योहार, पारंपरिक नृत्य, हस्तशिल्प, और महिलाओं द्वारा संचालित अनोखा बाज़ार — सभी मिलकर इसे उत्तर-पूर्व भारत का एक अनमोल रत्न बनाते हैं।

राज्य की विविध जनजातियाँ, उनके अनोखे रीति-रिवाज और जीवनशैली मणिपुर की सांस्कृतिक विविधता को और भी रोचक बनाते हैं। लोकटक झील से लेकर संगाई महोत्सव तक, हर एक अनुभव यहाँ आगंतुकों को प्रकृति के करीब लाता है और जीवन में सादगी की सुंदरता का एहसास कराता है।

साथ ही, मणिपुर का सामाजिक सौहार्द, पारंपरिक मूल्य और आधुनिक विकास की ओर बढ़ता कदम यह साबित करता है कि यह राज्य केवल पर्यटन का केंद्र नहीं, बल्कि एक जीवंत और जागरूक समाज का उदाहरण भी है।

यदि आप भारत के उस कोने को देखना चाहते हैं, जहाँ प्रकृति और परंपरा एक साथ सांस लेती हैं, तो मणिपुर आपके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होगा।

Twinkle Pandey

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