गाज़ा में इज़राइल-हमास संघर्ष: रफह पर हालिया हमले की पूरी जानकारी

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परिचय

गाज़ा में इज़राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष ने हाल ही में रफह क्षेत्र को गंभीर संकट में डाल दिया है। इज़राइली हवाई हमले और उनकी प्रतिक्रिया में बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय आलोचनाओं ने इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है।

रफह पर हमला

27 मई, 2024 को इज़राइली सेना ने गाज़ा के रफह शहर में एक शरणार्थी शिविर पर हवाई हमला किया, जिसमें 45 लोगों की मौत हो गई। इस हमले में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है। इज़राइल ने दावा किया कि यह हमला हमास के आतंकवादियों को निशाना बनाकर किया गया था, लेकिन इस हमले में आम नागरिकों की मौत से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में नाराजगी फैल गई है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

हमले के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने इज़राइल से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इज़राइल से मानवाधिकारों का सम्मान करने और नागरिकों को निशाना न बनाने की बात कही। इसके अलावा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और इज़राइल को जिम्मेदार ठहराने की मांग की है।

इज़राइल की प्रतिक्रिया

इज़राइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इस हमले को “दुखद घटना” करार दिया और कहा कि सरकार इस घटना की जांच कर रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इज़राइली सेना ने हमास के आतंकवादियों को निशाना बनाने की कोशिश की थी और नागरिकों की मौत आग लगने के कारण हुई थी।

हमास का बयान

हमास ने इज़राइल पर जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है और इसे युद्ध अपराध करार दिया है। हमास के प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला इज़राइल की “क्रूरता” का उदाहरण है और इससे शांति वार्ता को गंभीर नुकसान पहुंचेगा।

शांति वार्ता और संघर्ष विराम

कतर, अमेरिका और मिस्र के मध्यस्थता में चल रही शांति वार्ता भी इस हमले के बाद संकट में पड़ गई है। कतर के विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई कि यह हमला संघर्ष विराम की दिशा में हो रही वार्ता को बाधित कर सकता है। हालांकि, सभी पक्षों ने वार्ता जारी रखने की इच्छा जताई है, लेकिन इस हमले ने स्थिति को और कठिन बना दिया है।

निष्कर्ष

गाज़ा में इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष ने रफह के नागरिकों के लिए गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है। इस संघर्ष ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ा दी है और शांति वार्ता को कठिन बना दिया है। आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिससे दोनों पक्षों को अधिक जिम्मेदारी और संयम दिखाने की आवश्यकता है।

इस संघर्ष की स्थिति और परिणामस्वरूप नागरिकों की दुर्दशा पर नज़र बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि एक स्थायी और न्यायपूर्ण समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें।

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