डायबिटीज का वर्णन

डायबिटीज का वर्णन

  • डायबिटीज, जिसे मधुमेह भी कहा जाता है, एक आम रोग है जो आपके शरीर में खून में ग्लूकोज (शर्करा) के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है। डायबिटीज का मुख्य कारण होने वाला अवरोध इंसुलिन है, जो एक हार्मोन है जो पाचनतंत्र को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • दो प्रमुख प्रकार के डायबिटीज होते हैं: प्रकार 1 डायबिटीज और प्रकार 2 डायबिटीज।
  • प्रकार 1 डायबिटीज: प्रकार 1 डायबिटीज एक एडोलेसेंट या बचपन से होने वाली बीमारी है, जहां शरीर का खुदरा इंसुलिन उत्पादन करने की क्षमता हानि कर देता है। इसे एवरेज 5% से कम मामलों में देखा जाता है। प्रकार 1 डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से इंसुलिन की आवश्यकता होती है।
  • प्रकार 2 डायबिटीज: प्रकार 2 डायबिटीज सबसे आम डायबिटीज का प्रकार है, जिसे आमतौर पर मधुमेह के रूप में जाना जाता है। यह बढ़ते हुए उम्र, मोटापा, अपर्याप्त शारीरिक गतिविधिऔर अच्छे आहार के अभाव से हो सकता है। प्रकार 2 डायबिटीज में, शरीर के रक्त में इंसुलिन मौजूद होता है, लेकिन यह इंसुलिन शरीर के कोशिकाओं द्वारा सही ढंग से उपयोग नहीं किया जाता है, जिससे शर्करा रक्त में जमा होता है। इस प्रकार के मधुमेह में आरंभिक चरण में आमतौर पर आहार परिवर्तन और शारीरिक गतिविधियों में परिवर्तनों द्वारा शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन यदि यह नियंत्रित नहीं होता है तो इंसुलिन या अन्य दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।

 

डायबिटीज के कारण क्या हैं ?

जिसमें शरीर के रक्त में ग्लूकोज (शर्करा) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे शरीर के कोशिकाओं को उसे उपयोग करने में  कठिनाई होती है। डायबिटीज के मुख्य कारणों में निम्नलिखित हैं:

  1. पंजीयक डायबिटीज (Type 1 Diabetes): यह डायबिटीज का प्रकार एक अज्ञात कारण के कारण होता है। इसमें शरीर की इम्यून सिस्टम खुद कोशिकाओं को नष्ट करता है जो पंक्रियास में इंसुलिन उत्पन्न करती हैं। इंसुलिन शरीर में ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करती है। पंजीयक डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से इंसुलिन के इंजेक्शन या इंसुलिन पंप के माध्यम से इंसुलिन की आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
  2. अवसादीय डायबिटीज (Type 2 Diabetes): यह डायबिटीज का सबसे आम प्रकार है, और इसका मुख्य कारण अधिकतम शर्करा सेवन, शारीरिक निष्क्रियता, और बढ़ती उम्र हो सकती है। शर्करा खाने के बाद पंक्रियास इंसुलिन उत्पन्न करती है, लेकिन शरीर्करा का स्तर अधिक होने के कारण शरीर की कोशिकाएं उसे प्रभावी तरीके से उपयोग नहीं कर पाती हैं। यह अक्सर शारीर में इंसुलिन की संपोषण कम होने के कारण होता है, जिसे “इंसुलिन प्रतिरोध” कहा जाता है।
  3. गर्भावस्था का डायबिटीज (Gestational Diabetes): यह महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान होने वाला एक असामान्य प्रकार का डायबिटीज है। इसका कारण गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों का होना है, जिससे शरीर का इंसुलिन का उपयोग असामान्य हो जाता है। यह सामान्यतः गर्भावस्था के बाद स्वतः ठीक हो जाता है, लेकिन गर्भावस्था के बादी अवधि में इसे अनुग्रहित महिलाओं को बाद में डायबिटीज का खतरा हो सकता है।

 

डायबिटीज़ के लक्षण क्या हैं ?

  • डायबिटीज़ के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
  • बहुत ज्यादा प्यास और मुंह सुखाना: डायबिटीज़ के मरीजों में अक्सर लगातार प्यास महसूस होती है और उन्हें अक्सर पानी पीने की इच्छा होती है। मुंह का सुखाना भी एक आम लक्षण है।
  • बहुत ज्यादा भूख: डायबिटीज़ के मरीजों में अक्सर बहुत ज्यादा भूख महसूस होती है। वे अपने आहार में बदलाव कर सकते हैं, जैसे कि ज्यादा खाना खाना या अचानक खाने की इच्छा होना। वजन का नियंत्रण नहीं होना: डायबिटीज़ के मरीजों में अक्सर अनुभव होता है कि वे बिना किसी वजन के नियंत्रण के बढ़ते हैं या घटते हैं। यह बार-बार वजन के बदलाव को देखकर पता लगा सकते हैं।
  • थकान और कमजोरी: डायबिटीज़ के मरीजों में थकान और कमजोरी का अनुभव हो सकता है, जो दिनभर की गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है।
  • बार-बार मूत्र आना: डायबिटीज़ के मरीजों में बार-बार मूत्रआने की समस्या हो सकती है। यह मधुमेह के कारण होने वाले उच्च ग्लूकोज़ स्तर के कारण हो सकता है।
  • शरीर में चोटों और फुंसियों की देरी से ठीक होने की समस्या: मधुमेह के मरीजों को शरीर की चोटों और फुंसियों की देरी से ठीक होने की समस्या हो सकती है।

 

डायबिटीज का निदान क्या है ?

डायबिटीज का निदान डायबिटीज के लक्षणों, परीक्षणों और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर किया जाता है. डायबिटीज एक रोग है जिसमें आपके शरीर में रक्त शर्करा (ग्लूकोज) की मात्रा कारगर तरीके से नियंत्रित नहीं होती है और यह आपके शरीर के ऊर्जा स्तर को प्रभावित करता है.

डायबिटीज के लक्षण में शामिल हो सकते हैं:

  • बहुत ज्यादा प्यास लगना
  • बहुत ज्यादा भूख लगना
  • अत्यधिक मूत्राशय में पेशाब का निकलना
  • थकान और कमजोरी का अनुभव करना
  • वजन कम होना
  • त्वचा की सुखावट या खुजली
  • लगातार संक्रमण होना
  • घावों की धीमी गुणवत्ता में कमी

यदि आपको यही लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से मिलकर

डायबिटीज से बचाव के उपाय क्या हैं

डायबिटीज (diabetes) से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं:

  1. स्वस्थ आहार: एक स्वस्थ और संतुलित आहार आपको डायबिटीज से बचाने में मदद कर सकता है। अपने आहार में पूरे अनाज, फल, सब्जियां, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और अन्य पौष्टिक तत्वों को शामिल करें। अधिकतर तेल, चीनी, आटे से बनी चीजें, मीठे पेय, पैकेज्ड और प्रोसेस्ड भोजनों से बचें।
  2. व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि आपके शरीर के लिए लाभकारी हो सकती है और आपके खून में शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकती है। योग, चलना, तैरना, जिम जाना या किसी भी दूसरी शारीरिक गतिविधि को अपनाएं।
  3. वजन कम करें: अगर आपका वजन अधिक है, तो इसे कम करने का प्रयास करें। वजन कम करने से शरीर के इंसुलिन का प्रभाव बढ़ता है और आपकी डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
  4. तंबाकू और शराब का त्याग करें: सीगरेट, बीड़ी, गुटखा और शराब के सेवन से बचें, क्योंककि इनका उपयोग डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है और इंसुलिन के प्रभाव को कम कर सकता है।
  5. स्ट्रेस कम करें: अत्यधिक तनाव और तनाव डायबिटीज के लिए हानिकारक हो सकते हैं। योग, मेडिटेशन, प्राणायाम या किसी अन्य ध्यान विधि को अपनाकर स्ट्रेस को कम करें।

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